Agreement on Agriculture in Hindi – खेती पर समझौता
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के एक संधि के रूप में खेती पर समझौता एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। इस समझौते की शुरुआत 1986 में की गई थी और 1995 में WTO के स्थापना होते ही यह समझौता सम्पूर्ण हो गया। यह समझौता दुनिया भर में खेती सम्बन्धी कानूनों और नियमों को संभालता है।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में कृषिकों को एक समान और निष्पक्ष बाजार प्रदान करना है। यह समझौता न केवल विश्व व्यापार को बढ़ाने में मदद करता है बल्कि विश्व के ग्रामीण क्षेत्रों को भी समृद्ध बनाने में मदद करता है।
खेती पर समझौते के तहत, आयात परिसंचार की नीतियों को नियंत्रित करने और प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए संबंधित देशों के बीच समझौते हुए हैं। इसके अलावा, इस समझौते के तहत विश्व के अनुरूप खेती उत्पादों के लिए न्याय से निर्धारित आयात शुल्क और तकनीकी बाधाओं की सीमाएं निर्धारित की गई हैं।
खेती पर समझौते के सफल होने के बाद, अतिरिक्त न केवल विश्व व्यापार की समीक्षा हुई बल्कि विश्व के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास भी हुआ। यह समझौता खेती के लिए एक न्यायकर्मी प्रणाली को स्थापित करने के लिए एक अनमोल संभवना प्रदान करता है, जिसे विश्व के ग्रामीणों के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है।
खेती पर समझौता एक सफल अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसके माध्यम से विश्व भर में कृषिकों को एक समान और निष्पक्ष बाजार प्रदान किया जा सकता है। इस समझौते के फलस्वरूप कृषिकों की आय बढ़ने से अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को भी चेतावनी मिली है।
खेती पर समझौते को लेकर विश्व भर में विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है। इसलिए, अगर आप खेती पर समझौते के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आप इसे अपनी पसंद की भाषा में खोज सकते हैं।
खेती पर समझौता हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है जो कि विश्व भर में हिंदी बोलने वालों के लिए उपयोगी होता है। इस समझौते के लिए, आप विश्व व्यापार संगठन की वेबसाइट पर जाकर इसे हिंदी में पढ़ सकते हैं।
खेती पर समझौता एक महत्वपूर्ण संधि है जो विश्व भर में कृषिकों को निष्पक्ष बाजार प्रदान करता है। इस समझौते को हिंदी में भी उपलब्ध होने से विश्व के हिंदी बोलने वालों के लिए यह एक अच्छा साधन होता है।